बड़ा सोचे, बड़ा करे - अंकुर वारिकू

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Chapter 1 सफलता और असफलता

गलतियां जो मैंने 20 से 30 साल की उम्र में की थी
(Mistakes I Made in my 20s and 30s):

1) मैने अपनी शिक्षा जारी रखी, क्योंकि मैं इसमें अच्छा था। मैंने खुद से कभी पूछा ही नहीं कि क्या मुझे इसमें खुशी मिलती है। "आप किसी चीज में अच्छे हैं, इसका मतलब यह नहीं कि आपको उसमें खुशी मिलती है।"

2) मैं उन लोगों को तुच्छ समझता था, जो सिगरेट या शराब पीते थे या हर वीकेंड पर पार्टी करते थे। मुझे लगता था कि वह पराजित लोग हैं और उन्हीं की वजह से संसार रसातल में जा रहा है। "आप उससे परिभाषित नहीं होते, जो आप करते हैं, बल्कि उससे होते हैं, जो आप उसके नीचे होते हैं।"

​3) मैं ऐसी पुस्तके पढ़ता था, जो मुझे शांत रखती थी। यह समझे बिना कि मैं उन पुस्तकों से क्या सीख सकता था। यह बात मुझे काफी देर बाद समझ में आई। "लोग आपको आपके साथियों की वजह से याद नहीं रखते हैं वह तो आपको उस स्वरूप के लिए याद रखते हैं, जो साथियों के कारण आपका बन जाता है।"

​4) मैं मुश्किल में फंसे हर व्यक्ति की मदद करने को अपनी नैतिक जिम्मेदारी समझता था। और अगर वह इसके बावजूद ना खुश रहते थे तो मैं खुद को दोष देता था। "आप खुद को और दूसरों को जो सर्वश्रेष्ठ उपहार दे सकते हैं वह है अपनी खुद की खुशी की परवाह करना।"

​5) मुझे महसूस होता था कि धन की कमी हमारी सारी पारिवारिक समस्याओं की मूल जड़ थी। और जब हमारे पास पैसा आया जाएगा तो हमारे पास कोई समस्या नहीं रहेगी। "हमारी समस्याएं वह कहानियां है, जो हम खुद को बताते हैं कि सब कुछ ठीक हो जाएगा, जब हमें वह चीज मिल जाएगी, जो हम चाहते हैं।"

6) मुझे महसूस होता था कि अमीर बच्चे जीवन में कभी कामयाब नहीं हो पाएंगे, क्योंकि उन्हें हर चीज चांदी की थाली में मिलती है और वे यह जानते ही नहीं हैं कि संघर्ष क्या होता है। उनका सौभाग्य हमेशा उन्हें नुकसान पहुंचाएगा। "सौभाग्य या विशेषाधिकार हमें नुकसान नहीं पहुंचाता। अपने भाग्य के बारे में हमारी जागरूकता का अभाव है जो हमें नुकसान पहुंचाता है।"

7) मैने गंदी चीजें खाई, असमय सोया, बुरी मुद्रा अपनाई और खुद को लगातार बताता रहा कि मेरे पास इन सब को सुधारने का समय है। "बहाना आप के वर्तमान स्वरूप और आपके मनचाहे स्वरूप के बीच की दूरी है।"

​8) मैंने लोगों को ख़ुश करने की बहुत कोशिश की। मैं चाहता था कि लोग मुझे पसंद करें, मेरे बारे में ऊँचा सोचें और मेरी तारीफ़ करें।
"अगर आपकी ख़ुशी बाहरी पुष्टि या मान्यता पर निर्भर करती है, तो आपकी ख़ुशी किसी ऐसी चीज़ पर निर्भर करती है, जो आपके नियंत्रण में नहीं है।"

​9) मैने कर्ज लिए। क्योंकि तब मेरे पास पैसे नहीं थे। और मैं खुद से कहता रहा, 'लेकिन मेरे पास भविष्य में पैसे होंगे। इसलिए यह ठीक है।' "अगर आपके पास किसी चीज का भुगतान करने के लिए इस वक्त पैसे नहीं है, तो इसका मतलब स्पष्ट है : आपके पास पैसे नहीं है।"

​10) मैं नहीं सोचता था की मनोविज्ञान, व्यवसायिक नीतिशास्त्र या मानव संसाधन जैसे विषयों की जरूरत है या वे महत्वपूर्ण है। "व्यवसाय सिर्फ वित्त और मार्केटिंग के बारे में है। व्यवसाय लोगों के बारे में है। आप उन्हें कितनी अच्छी तरह जानते हैं। और आप उनके साथ कैसा व्यवहार करते हैं।" 

11) मैंने मान लिया था कि अगर मैं अच्छा बोलू और विश्वास पूर्वक बोलू, तो इससे मेरी सामग्री का अभाव उजागर नहीं होगा। "आप मंच पर झूठ नहीं बोल सकते। दर्शक हमेशा आपके अंदर की बात समझ जाते हैं।"

12) जब लोग अपनी समस्याएं लेकर मेरे पास आते थे, तो मेरा काम यह तय करना था कि वह समस्या मेरे समय के लायक है या नहीं है। अगर यह मेरे समय के लायक होती थी, तो मेरा काम इसे सुलझाना था। "बिना आलोचना या सुझाव के किसी की बात सुनना वह सबसे मूल्यवान उपहार है, जो आप किसी को दे सकते हैं।"

13) मुझे एक योजना बनाने की जरूरत है। योजना जीवन में किसी बिंदु तक पहुंचने का एकमात्र तरीका है। अगर आपके पास कोई योजना नहीं है, तो आपके पास कहीं भी पहुंचने की कोई संभावना नहीं है। "योजना नहीं होना और इसके बावजूद खुश रहना सर्वश्रेष्ठ योजना है।"

14) मैंने चारों ओर देखा कि हर चीज़ हमारे जीवन को आरामदेह बनाने के लिए बनाई गई थी। इसलिए मैंने यह मान लिया कि जीवन का उद्देश्य जीवन को आरामदेह बनाना था।
"सुविधा या आराम के जाल से बचें, क्योंकि आप जो हैं और आप जो हो सकते हैं, उसके बीच यही निर्णायक भूमिका निभाता है।"​

15) मैं कोई चीज कहता था, लिखता था या शेयर करता था। जब कोई परवाह नहीं करता था, प्रतिक्रिया नहीं करता है या टिप्पणी नहीं करता था, तो मैं निराश हो जाता था। "कोई भी आपको समय और पैसे देने के लिए बाध्य नहीं है। आप जो काम करते हैं, उससे आप इसे हर दिन अर्जित करते हैं।"

16) मुझे तेजी से पैसे बनाना था, अपने माता-पिता के लिए वह मकान खरीदना था, वह शानदार कार खरीदनी थी, वह वैकेशन मनाना था। सामान खरीदने के लिए मुझे तेजी से पैसे बनाने थे। "पैसा आपके लिए चीजें खरीद सकता है। लेकिन यह जो सबसे बड़ी चीज खरीद सकता है, वह है स्वतंत्रता। जिसमें चीजों से स्वतंत्रता भी शामिल है।"

17) मैंने सोचा था कि अगर आप कड़ी, सचमुच कड़ी मेहनत करते हैं, तो अंततः आप जीत जाएंगे। कड़ी मेहनत ही एकमात्र चीज है, जो मायने रखती है। "लेकिन आप किस पर मेहनत करते हैं, यह भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना यह कि आप उस पर कितना ज्यादा मेहनत करते हैं। गधे भी कड़ी मेहनत करते हैं। स्मार्ट तरीके से मेहनत करना ही गधे और इंसान के बीच का फर्क है।"

18) मैने खुद को दोष दिया कि मैं खेल में देर से पहुंचा। 29 साल की उम्र में मेरे पास कोई नौकरी नहीं थी, पैसा नहीं था, योजना नहीं थी और कोई स्पष्ट विचार नहीं था। मुझे याद है मैं मार्क जकरबर्ग को देखकर काफी बुरा महसूस करता था! "हर व्यक्ति की दौड़ अलग है। दरअसल, यह दौड़ भी नहीं है। हमारे अपने-अपने मार्ग हैं। कुछ चलते हैं। कुछ दौड़ते हैं।"

​19) मैंने मान लिया था कि मेरा काम मेरी तरफ से बोलेगा। अगर मैं अच्छा काम करूंगा, तो लोग मुझे वह देंगे जिस पर मेरा हक था और जो मैं चाहता था। जो मैं चाहता था, वह मैंने कभी नहीं मांगा! "अगर आप मांगते नहीं हैं, तो जवाब हमेशा नहीं होता है।"
Chapter 2 आदतें

मेरी आदतों की एक झलक:

में हमेशा अपने साथ नोटबुक रखता हूं। मैं स्कूल के विद्यार्थी की तरह नोट्स लेता हूं। मैं कैलेंडर में काम लिख लेता हूं। मैं भविष्य में खुद को ईमेल भेजता हूं। "मेरे मस्तिष्क की उर्जा सोचने में खर्च होनी चाहिए। याद रखने में नहीं!"
चीज को लिखे! मेरे पास तीन नोटबुक रहती है : 
1.विचार 
2.दिन की कार्यसुचिया 
3.मीटिंग नोट्स। 
और मैं चीजों को लिखता हूं। "लिखने से मस्तिष्क समझ जाता है कि यह महत्वपूर्ण है। और इससे मुझे कोई चीज ' याद रखने ' की जहमत नहीं उठानी पड़ती।" 
मैं हर चीज अपने कैलेंडर पर लिख लेता हूं। मेरा कैलेंडर मेरे जीवन की डोर है। हर चीज मेरे कैलेंडर पर होती है। चुकाने वाले बिल, जन्मदिन, लिखने के टॉपिक, साप्ताहिक दिनचर्या आदि। "मेरा आधे से ज्यादा जागृत समय उन चीजों में बितता है, जो महत्वपूर्ण है, लेकिन अर्जेंट यानी अत्यावश्यक नहीं है!"
मैं खुद के लिए ईमेल लिखता हूं, भविष्य में। "मेरी दिलचस्पी बहुत सी चीजों में है, इसलिए प्राथमिकता तय करना महत्वपूर्ण हो जाता है। और मेरे लिए प्राथमिकता तय करने का मतलब शेड्यूल बनाना है। भावी की ईमेल्स उस उद्देश्य को पूरा करते हैं।"
संभव चीज के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना। "बहुत सारे काम आपका समय खा जाते हैं, लेकिन आपको आगे नहीं बढ़ाते हैं। उन्हें सुलझाने के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने के बारे में सोचें।"
पत्नी के साथ अपना कैलेंडर शेयर करना। (मजाक में मैं यह बताना चाहूंगा कि इससे पूरा नक्शा ही बदल जाता है। उसका कैलेंडर पर शत-प्रतिशत अधिकार होता है, इसलिए वह मेरे कैलेंडर में चीजें जोड़ सकती है, उसमें फेरबदल कर सकती है और हटा भी सकती है। जब पारिवारिक समारोहो, कार्यक्रमो, जन्मदिन या उसके किसी मनचाही चीज के मामले में मुझे कुछ नहीं सोचना पड़ता। वह बस इसे मेरे कैलेंडर में जोड़ देती है। अधिकतम उत्पादकता!)
मेरे दो व्हाट्सएप सेल्फ-ग्रुप्स है। व्हाट्सएप पर किसी व्यक्ति के साथ एक ग्रुप बनाएं। इसके बाद उस व्यक्ति को डिलीट कर दें। अब उस ग्रुप में आप अकेले ही हैं। उस ग्रुप को सबसे ऊपर पिन कर दें। फिर आसान पहुंच और याद रखने के लिए इसका इस्तेमाल करें। (आप इसमें अपने जरूरी दस्तावेज/चित्र डाल सकते हैं या कोई विचार लिख सकते हैं।)
दोपहर की झपकी मेरी दैनिक आदत है। चीन और कोरिया की यात्रा के दौरान मैंने देखा था कि ऑफिसों में भी दोपहर को जबकि रहने की संस्कृति थी (टेबल पर स्केच नीचे करके)। इस पर कभी अपनी कंपनी में अमल नहीं किया लेकिन इस पर व्यक्तिगत रूप से अमल किया। "मैं ऑफिस में रहते समय 15 मिनट के पावर नैप लेता हूं।"
सही परिवेश तय करना बेहद महत्वपूर्ण है। "मैं पलंग पर बैठकर कभी काम नहीं करता, हमेशा टेबल पर ही करता हूं। मैं कभी लेट कर नहीं पढता, हमेशा कुर्सी पर बैठकर ही पढ़ता हूं। मैं कोई चीज देखते समय कभी नहीं खाता हूं। मैं कभी अंधेरे कमरे में काम नहीं करता हूं। हमेशा प्राकृतिक प्रकाश। जब घर उसे काम करने की बात आती है तो मैं काम करते समय पायजामे के बजाय ' ऑफिस की पोशाक ' पहन लेता हूं। यह अवचेतन रूप से आपके दिमाग को आरामदेह दायरे मैं रखता है। प्रवाहा उत्पन्न करते समय अपने परिवेश को कम आंकने की कोशिश ना करें!" 
जो महत्वपूर्ण है (लेकिन अत्यावश्यक नहीं है) उसके लिए इंद्रियात्मक हुक बनाएं। (प्रजाति के रूप में हमारी इंद्रियां हमारे खातिर काम करने के लिए विकसित हुई है। हम जो देखते हैं, सूंघते हैं, स्पर्श करते हैं, सुनते हैं और स्वाद लेते हैं, वही हमारी लगभग सारी प्रतिक्रियाओं को संचालित करता है) "मैं अपनी इंद्रियों का इस्तेमाल कर्म को प्रेरित करने के लिए करता हूं। सोते समय अपना फोन दूसरे कमरे में रख दे। अपने डंबल अपने बिस्तर के ठीक बगल में रखे। पुस्तक को वहां रखे, जहां यह आपको आसानी से दिखती रहें। अपने अलार्म में वह गाना लगा ले, जो आपको प्रेरित तथा प्रोत्साहित करें। अपने दिन की शुरुआत में अपना प्रिय परफ्यूम लगाएं। ये चीजे असरदार होती है!
Chapter 3 जागरूकता 

मेरे ज्यादातर निर्णय इसलिए नहीं लिए गए, क्योंकि मुझे निर्णय पर विश्वास था। वे तो स्थिति के बारे में मेरी जागरूकता के कारण लिए गए थे।

निर्णय मंजिलों को समझने के लिए नहीं है। निर्णय तो उस मार्ग को समझने के लिए है, जिस पर आप इसके बाद चलना चाहते हैं।

शांत रहना एक योग्यता है। शांत रहना, जब आपकी हंसी उड़ाई जा रही हो, जब आपका उपहास किया जा रहा हो, जब आपको अकेला छोड़ दिया गया हो, जब आप पर सवाल उठाए जा रहे हो। इसलिए नहीं, क्योंकि वे सही है। बल्कि इसलिए क्योंकि अगर आप अपनी शांति खो देते हैं, तो आप अप्रिय चीज को सुधारने के बजाय उसे कई गुना बढ़ा लेते हैं।

शांत लोगों में सबसे ज्यादा आग होती है, क्योंकि वे साहसिक चीजें करने के लिए अपने साहस का इस्तेमाल करते हैं और अपने अंदर की आग का इस्तेमाल बोलने में नहीं करते हैं।

गतिशीलता से प्रगति होती है। स्थिरता से अफसोस बढ़ता है।

जीवन में मुश्किल निर्णय लेने के लिए सर्वश्रेष्ठ मानसिक मॉडल!
1) खुद से पूछे, "वह सबसे बुरी चीज क्या है जो हो सकती है?"
2) अपनी आंखें बंद करके इसके होने की स्पष्ट कल्पना करें।
3) फिर पूछे, "क्या मैं इसके बावजूद ठीक रहूंगा - मानसिक रूप से, सामाजिक रूप से, वित्तीय रूप से, शारीरिक रूप से, भावनात्मक रूप से?" 
अगर हां, तो फिर वह काम कर दे।

किसी सार्थक चीज के लिए कुछ खोना बेहतर है। बजाय हर अर्थहीन चीज में खो जाने के।

हमारे पास हमेशा दो विकल्प होते हैं: 
1) आसान विकल्प 
2) सही विकल्प 
आसान चीज करने पर आपको तुरंत पुरस्कार मिल जाएगा। सही चीज करने पर आपको अंततः पुरस्कार मिलेगा।

सिर्फ नौकरी, पदनाम, कंपनी, भूमिका या वेतन की तलाश में कॉलेज नहीं जाएं। 
खुद की तलाश में कॉलेज जाए। 
"मैं किस में अच्छा हूं?" 
"किस चीज में मुझे खुशी मिलती है?" 
कॉलेज का उद्देश्य सिर्फ शिक्षा नहीं है। शिक्षा तो इंटरनेट पर आसानी से और बहुत ज्यादा मात्रा में उपलब्ध है। कॉलेज का उद्देश्य तो यह पता लगाना है कि आपको किसमें आनंद आता है। कॉलेज का उद्देश्य अलग-अलग चीजों को टटोलना है, किसी एक चीज पर ठहरना नहीं है। कॉलेज का उद्देश्य खुद को खोजना है।

ऑनलाइन कोर्स करें। इंटर्नशिप करें। सीखे कि नेटवर्किंग कैसे करना है। ऑनलाइन कम्युनिटीज में शामिल हो। फ्रीलांसिंग करें। स्टार्टअप शुरू करें। अकेले यात्रा करें।

' मैं कर सकता था ' और ' मैंने किया के बीच ' की दूरी अफसोस है।

संसार में सबसे मुश्किल चीज खुद को बताना है कि यह जरा भी मुश्किल नहीं है। जल्दी जागना मुश्किल नहीं है। पैसा बनाना मुश्किल नहीं है। अजनबीयो से बातचीत शुरू करना मुश्किल नहीं है।

धीमी शुरुआत को छोटी शुरुआत समझने की गलती नहीं करें।

गलतियों से सीखने का सबसे आसान तरीका पुस्तकें पढ़ना है। दूसरा विकल्प उन्हें खुद करना है। आप उन्हें दोबारा क्यों करना चाहेंगे?
"जीवन में हर चीज वापस आ सकती है। बस समय नहीं आता। और समय के दोहन का सबसे अच्छा तरीका दूसरों के जीवन से सबक सीखकर उन पर अमल करना है।"

अगर आपको अपने बाकी जीवन के लिए बस एक आदत चुननी हो, तो शिकायत नहीं करने की आदत को चुने। 
Chapter 4 उद्यमिता

चाहे आप कैसा भी महसूस कर रहे हो, स्टार्टअप कैसा भी प्रदर्शन कर रहा हो,अखबारों में आपके बारे में कुछ भी लिखा जा रहा हो, आपके सहसंस्थापक काम नहीं कर रहे हो, आपका प्रोडक्ट और असफल हो रहा हो या आपके ग्राहक चिल्ला रहे हो, लेकिन संस्थापक के रूप में अगर आप हर दिन काम नहीं करते हैं तो कोई दूसरा इसे आपकी तरफ से नहीं करेगा।

उधमिता और टीम बनाना 90% समझना और 10% क्रियान्वयन करना है। 90% परानुभूति और 10% निरंकुशता। और 100% धैर्य।

उधमिता पैसा नहीं है। यह तो मानसिक अवस्था है हो सकता है। 

हो सकता है कि आपके पास नौकरी हो, लेकिन आप नई चीजें बनाने के बारे में सोच सकते हैं, अपनी टीम को ऊर्जावान बना सकते हैं, और कंपनी के विकास में मदद कर सकते हैं। सुलझाने के लिए सही समस्याओं का पता लगाए। अपने पद के कामों से आगे का काम मांगे। अपनी नौकरी को अपना खुद का व्यवसाय माने। उद्यमी बनने के लिए स्टार्टअप शुरू करना जरूरी नहीं है। आप जहां है, वहीं से शुरू कर सकते हैं। ऐसी चीजें करें, जिन्हें करने की जरूरत है। यथाशक्ति को बदलकर बेहतर करें। और इससे आप उधमी बन जाते हैं।

संस्थापक के नाते आपकी सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि आप लोगों तक उनकी समस्याओं के समाधान पहुंचाने में कितने सक्षम है। 
बाजार (सही तरीके से) सिर्फ समाधान ओं की परवाह करता है।

किसी उद्यमी को पूंजी उगाने पर बधाई देना शेख को सब्जियां खरीदने पर बधाई देने जैसा है।

आप तो सबसे सक्षम तब बनते हैं जब आप ' मैं नहीं जानता ' के आगे जाते हैं।

नजरिया >> अनुभव >> शिक्षा 
नियुक्त करने का सिद्धांत जिस पर मैंने हमेशा अमल किया है। नजरिया योग्यताओं की भरपाई कर सकता है। योग्यताए कभी नजरिए की भरपाई नहीं कर पाती है।

इतनी शक्तिशाली टीम बनाएं कि बाहर का व्यक्ति यह नहीं समझ पाए कि बॉस कौन है! क्या आप अपनी गलतियों को स्वीकार करते हैं? क्या आप अपनी टीम को गलतियां करने की छूट देते हैं? क्या आप अपनी टीम के सदस्यों पर भरोसा करते हैं कि वे अपना काम कर लेंगे? क्या आप इलाज बताने के बजाय प्रश्न पूछते हैं? क्या आप टीम का सूक्ष्म प्रबंधन करने के बजाय उन्हें स्वायत्तता देते हैं? अगर आप अपनी टीम को इस तरह से चलाते हैं, तो बाहर का कोई व्यक्ति यह अंदाजा नहीं लगा पाएगा कि इसका नेतृत्व कौन करता है। क्योंकि अब हर व्यक्ति लीडर है!

उधमिता खुद को खोजने का सबसे निर्मम तरीका है।

लीडर के रूप में सबसे मुश्किल योग्यता सबसे कठिन पलों के दौरान शांत रहने की योग्यता है। जब आप अपने लक्ष्य तक पहुंच रहे हो या जब ग्राहक संतुष्ट हो तो कोई भी शांत रह सकता है। जब आपकी टीम का मनोबल कम हो या जब वे गलतियां करें, तब टीम के सदस्यों को शक्ति देना और विपरीत परिस्थितियों में आगे बढ़ने की प्रेरणा देना सबसे बड़ी योग्यताएं हैं।

कर्मचारियों को दिखाएं कि वह कौन हो सकते हैं। उन्हें यह बताने के बजाय कि उन्हें केसा नहीं होना चाहिए।

जो लोग कोई व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं, उनमें से ज्यादातर सोचते हैं कि उन्हें नौकरी छोड़कर स्टार्टअप शुरू करना चाहिए। यह विचार मेरी राय में सच नहीं है। रातों और वीकेंड्स में काम करके अपने विचार की जांच करें।

स्टार्टअप बनाते समय सबसे मुश्किल पल वह होता है, जब आप अपनी टीम को निराश कर देते हैं। स्टार्टअप बनाते समय सबसे मूल्यवान पल वह होता है, जब आप अपनी टीम को निराश कर देते हैं, लेकिन वे आपको ऊपर उठाते हैं। ऐसी संस्कृति बनाए, जो निराश लोगों को ऊपर उठाते हो। ऐसी संस्कृति का हिस्सा बने।

जब आप पैसा उगाते हैं, तो यह उपलब्धि नहीं है। यह तो जिम्मेदारी है।

कंपनियां अपने कर्मचारियों के साथ जो सबसे बुरी चीज करती है वह यह है : 
1) साल में एक बार उनका मूल्यांकन करना 
2) उन्हें बताना कि उनका प्रदर्शन कीतना अच्छा रहा 
3) उनका मूल्यांकन ऐसे पैमानों पर करना, जिनके बारे में उन्हें पता भी नहीं था 
बड़े अफसोस की बात है कि ज्यादातर कर्मचारियों को पूरे 12 महीनो तक यह पता ही नहीं होता है कि प्रबंधन उनके बारे में क्या सोच रहा है! 
सर्वश्रेष्ठ फीडबैक वह होता है जो, 
➡️ तुरंत/हर पखवाड़े/साप्ताहिक दिया जाए 
➡️ हैरान करने के बजाय स्पष्टवादी हो 
➡️ खाल उधेड़ ने के बजाय सहायक हो! कर्मचारी कंपनियों को चलाते हैं, कंपनी कर्मचारियों को नहीं चलाती।

उद्यमी बनने के तीन सबसे बुरे कारण
1) में पैसे का बनाना चाहता हूं
2) मैं अपनी वर्तमान नौकरी से नफरत करता हूं 
3) हर कोई यह कर रहा है
जब आप की प्रेरणा आंतरिक हो, जब आप जिज्ञासु हो, जब आप किसी समस्या से अभिभूत हो, तो आप उद्यमी बनने की खुशी का अनुभव करने में सक्षम होंगे।

महान लीडर के काम ऐसे होने चाहिए कि दूसरे उन्हें कर सकें, लेकिन जब उनके विचारों और स्वप्न की बात आती है तो वे ऐसे होने चाहिए कि उनकी जगह कोई दूसरा नहीं ले सके।

मैं अपनी टीम (प्रशिक्षु और पूर्णकालिक दोनों) को हर महीने के पहले दिन वेतन देता हूं। इसके अलावा मैं उन्हें आजमाकर देखने के बजाय पहले दिन से ही उन पर भरोसा करता हूं।
Chapter 5 धन 

धन स्वतंत्रता खरीदता है, स्वतंत्रता एक विशेषाधिकार और सौभाग्य है।

धन के साथ मैंने यह गलतियां की : (मैंने सोचा कि धन ही हमारी सारी समस्याओं का कारण है। चूंकि मुझमें पैसे बनाने का हुनर था, इसलिए मैंने कभी यह समझने की कोशिश ही नहीं की कि इसका प्रबंधन कैसे किया जाए और इसे कैसे बढ़या जाए)

गलती 1
मेरे रियल एस्टेट खरीदने के लिए कर्ज लिए, यह मानते हुए की भाव बढ़ने पर मेरा चुकाया ब्याज वसूल हो जाएगा। पर मैंने टैक्स, मुद्रास्फीति इत्यादि के बारे में नहीं सोचा। और यह हिसाब नहीं लगाया कि सम्मानजनक मुनाफा कमाने के लिए मकान का भाव हर साल लगभग 20% की दर से बढ़ना चाहिए।

गलती 2
जब भी मैंने ज्यादा पैसे कमाए, तो कर्ज चुकाने के बजाय स्टार्टअप कंपनियों में इसका निवेश कर देता था। मैं मानता था कि स्टार्टअप कंपनियां मेरे पैसों को कोई गुनाह कर देगी। मुझे बुनियादी तौर पर विश्वास था कि मैं इतने पैसे कमा लूंगा कि अपने कर्ज चुका दूं।

गलती 3
मैंने इललिक्विड यानी स्थिर संपत्तियों में निवेश किया जैसे स्टार्टअप कंपनियां, रियल एस्टेट और लिक्विड यानी तरल संपत्तियों में बहुत कम निवेश किया जैसे कि शेयर और सोना।
 इसलिए जब मुश्किल समय आया तो मेरे पास बहुत सारी पेपर वेल्थ तो थी, लेकिन नकद पैसे नहीं थे।

गलती 4
एक दशक तक मैंने बाजार भाव से कम वेतन लिया और इक्विटी पर बहुत ज्यादा जोर दिया। मुझे विश्वास था कि इक्विटी मुझे इतना कमा कर देगी, जितना वेतन से संभव नहीं था। इसलिए जब चीजों का अंत हम अपेक्षा से अनुरूप नहीं हुआ, तो मेरे पास दौलत के नाम पर कुछ नहीं बचा था।

गलती 5
मैंने भविष्य पर बहुत ज्यादा भरोसा किया। मैंने अपनी जीवनशैली को तब भी कायम रखा, जब मुझे इसमें थोड़ी कटौती करनी चाहिए थी। मैंने अपने क्रेडिट कार्ड पर अधिक कर्ज लिया और ज्यादा कर्ज इकट्ठा कर लिया। सब इस उम्मीद में कि भविष्य में एक बड़ी घटना सारी समस्याओं को सुलझा देगी।

गलती 6
मैंने शेयरों में तब निवेश किया, जब बाजार शिखर पर था, क्योंकि मैं फटाफट पैसा कमाना चाहता था। बाजार लुढ़कने पर मैंने दहशत में आकर शेयर बेच दिए, ताकि मेरा सारा पैसा नहीं डूब जाए। मुझे इसके ठीक विपरीत काम करना चाहिए था।

गलती 7
जब भी मुझे पैसे की जरूरत पड़ी तो मैंने अपना म्यूचुअल फंड निवेश तोड़ दिया। मैंने दरअसल चक्रवृद्धि की शक्ति को तोड़ दिया। मैं दर्दनाक धीमें विकास के दौर में यह काम लगातार करता रहा। और चक्रवृद्धि के उड़ान भरने से पहले ही मैंने इसके पर कतर दिए।

गलती 8
मैंने अपनी पत्नी को म्युचुअल फंड में निवेश करने और सोना खरीदने से हतोत्साहित किया। फिर भी उसने ऐसा किया। मैंने उसका मजाक उड़ाया और उसे चुनौती दी कि हम दशक के अंत में मुनाफे की तुलना करके देखेंगे। हालांकि उसके निवेश ने ही हमें बचाया। एक बार नहीं, तीन बार। 

आज मैं सोचता हूं कि मैं जान गया हूं:

1) टैक्स एक चीज है। एक असली चीज। तुलना करने के लिए हमेशा टैक्स के बाद वाला मुनाफा देखें।

2) मुद्रास्फीति एक चीज है। एक असली चीज। समय के साथ धन का मूल्य कम होता है। अपने मुनाफे का अनुमान लगाते समय धन के अवमूल्यन पर भी विचार करें।

3) चक्रवृद्धि एक बहुत महत्वपूर्ण तत्व पर आधारित है-समय। चक्रवृद्धि के जादू के लिए समय की जरूरत होती है। इसे समय दे।बहुत सारा समय।

4) लिक्विडिटी यानी संपत्ति को तुरंत बेच सकने की क्षमता बेहद महत्वपूर्ण होती है। इस तरह से निवेश करें, ताकि आप जरूरत के समय नकदी निकाल सके। वरना इसमें तुक ही क्या है?

5) अगर आपके पास अतिरिक्त पैसा है, तो इंतजार करें। सही अवसर का इंतजार करें। धर्य से इंतजार करें। बाजार के गिरने का इंतजार करें। जिस भाव पर आप खरीदते हैं, उसी से आप का मुनाफा तय होता है। "कोई भी धीरे-धीरे अमीर नहीं बनना चाहता"- वॉरेन बफेट

6) 20 से 30 की उम्र में भिखारी की तरह रहे। अपने साधनों से कम में जिए। अपने बिल चुकाए फिर निवेश करके खुद को भुगतान करें। अपनी इच्छाओं के लिए सबसे अंत में भुगतान करें। अपनी इच्छाओं के लिए कर्ज नहीं ले।

7) केवल उन्हीं चीजों के लिए कर्ज ले, जिनका मूल्य बढ़ता है। शिक्षा। शायद मकान। सिर्फ एक!

8) आपके पेशे के अनुसार निवेश नहीं करें। जैसे कि एंजल निवेश, क्योंकि आप संस्थापक हैं। शेयरों में निवेश, क्योंकि आप वित्त में है। सोने में निवेश, क्योंकी आप ट्रेडर है।
सभी तरह की संपत्तियों का ज्ञान हासिल करें और उनका सम्मान करें।

9) बहुत से क्षेत्रों में निवेश करने की बजाय कारगर क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करें।डायवर्सिफिकेशन से ज्यादा मुनाफा नहीं होता है - यानी सामान्य से ज्यादा। जो कारगर है, उसे ज्यादा खरीदने पर सामान्य से ज्यादा मुनाफा मिलता है।

10) अपने धन को चक्रवृद्धि होने की अनुमति दें। इसमें समय लगता है। कई दर्शक।


धन संबंधी 10 आम गलतियां, जिनसे बचना चाहिए:

गलती 1
अपने समय को महत्व नहीं देना और इसके साथ इस तरह व्यवहार करना, मानो यहां मुफ्त हो।

गलती 2
अपना समय उन चीजों पर खर्च करना, जिन्हें पैसों में मापना आसान है।(जैसे कि ₹1000 बचाने के लिए शहर के दूसरे छोर की यात्रा में आधा दिन बिता देना, क्योंकि हम जानते हैं कि हम अंततः इतने रुपए बचा लेंगे)

गलती 3
बहुत ज्यादा लोन लेना।

गलती 4
यह विश्वास करना कि हमारी आमदनी की ऊपरी सीमा है। (हमारी आमदनी की कोई ऊपरी सीमा नहीं है कि हम कीतना ज्यादा कमा सकते हैं। इसके बजाय, हमारे खर्च की सीमा होती है। जीवित और बचे रहने के लिए हमें न्यूनतम खर्च करना होता है। खर्च घटाने के बजाय आमदनी बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करें!)

गलती 5
बाजार को समय देना।(लंबे समय तक निवेश करने का सबसे अच्छा तरीका नियमित रूप से निवेश करना है। उस वक्त भाव चाहे जो चल रहा हो!)

गलती 6
सब की देखादेखी निवेश करना। (अपने विश्वासों और शोध में निवेश करें, अपनी क्षमता के अनुरूप निवेश करें)

गलती 7
अपना समय खर्च करना, लेकिन किसी संपत्ति का स्वामी नहीं होना। (संपत्तियां हमारे सोते समय भी पैसे बनाती है। कंपनी शुरू करे, शेयरों के स्वामी बने। किराए की आमदनी उत्पन्न करें।)

गलती 8 
देर से निवेश करना। (निवेश शुरू करने का सही समय तब था, जब आप 18 साल के हुए थे। अगला सर्वश्रेष्ठ समय आज है।)

गलती 9 
अपने धन की तुलना दूसरों से करना।

गलती 10
धन के पीछे भागना। (जिस मिनट हम पैसे के पीछे भागते हैं, हमारी स्वतंत्रता छीन जाती हैं। अपनी स्वतंत्रता हासिल करने के लिए धन का इस्तेमाल करें। धन कमाने के लिए अपनी स्वतंत्रता नहीं छोड़े।)

बोनस
तब जोखिम नहीं लेना, जब आप ले सकते है।
(20 साल की उम्र में हमारे पास खोने के लिए बहुत कम होता है। और अगर हम खो भी दे, तो हमारे पास उबरने का समय होता है। जीवन में जल्दी ही जोखिम ले। और अल्पकालीन उतार-चढ़ाव की चिंता नहीं करें!)


पैसे के बारे में मुझसे बोले गए झूठ :

झूठ 1
धन सारी बुराई की जड़ है।

झूठ 2
उन लोगों से सावधान रहे, जो अमीर है।

झूठ 3
पैसा बचाना महत्वपूर्ण है। (बचत से ज्यादा निवेश करना महत्वपूर्ण है।)

झूठ 4
गहने खरीदना एक निवेश है। (अब मैं जानता हूं कि सोना निवेश है लेकिन गहने नहीं है!)

झूठ 5
मकान खरीदना चरम वित्तीय लक्ष्य है। (कम उम्र में मकान खरीदने से आप बंध जाते हैं, जिस वजह से यह अफसोस से भरा निर्णय हो सकता है।)

झूठ 6
हम जो महंगी चीजें (जैसे मकान और गाड़ी) खरीदते हैं, वे सब संपत्तियां हैं।

झूठ 7
कर्ज लेना और क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करना अपने भविष्य में आप के विश्वास का संकेत है। (क्रेडिट कार्ड से दूर रहो)

झूठ 8
अमीर बनने के दो तरीके हैं - या तो सचमुच लंबे समय तक एक जगह पर काम करते रहे या फिर हर एक-दो साल में नौकरिया बदलते रहे!

झूठ 9
पैसे बनाने का एकमात्र तरीका शिक्षा (एकेडमिक शिक्षा) हासिल करना है।

झूठ 10
एक बार जब आप अमीर बन जाए, तो पैसा उन लोगों को दे दें, जिनके पास यह नहीं है। (लेकिन मैं अब ऐसा नहीं करता, मैं अपना ध्यान दूसरों की मदद करने में खर्च करता हूं, लेकिन मैं उन्हें पैसे नहीं देता हूं। इसके बजाय में उनके लिए अवसर उत्पन्न करता हूं। ताकि कल उन्हें मेरे पैसों की जरूरत ही नहीं रहे।) 
Chapter  6 संबंध

आप ना तो अपने माता-पिता को चुन सकते हैं, ना ही उस मनोवैज्ञानिक प्रभाव को चुन सकते हैं, जो वे अंततः आप पर डालते हैं। अगर जरूरत पड़े, तो खुद का उपचार करने के लिए तैयार रहें। उपचार करना विकल्प नहीं है। यह तो अनिवार्य है। 

जब हम किसी के खिलाफ द्वेष पालते हैं, तो हम अपने साथ वही चीज करते हैं, जो उन्होंने हमारे साथ की थी : हमें चोट पहुंचाना।
इस संसार में हर समस्या का अंतिम कारण गलत संवाद है।

खुद सीखने के लिए दूसरों को सिखाने से बेहतर कुछ नहीं है। जब आप कोई चीज सीखते हैं, तो आप इसे अपना हिस्सा बना लेते हैं। जब आप कोई चीज सिखाते हैं, तो आप इसे दूसरों का हिस्सा बना देते हैं। दूसरों को चीजें समझाने के लिए आप उन्हें ज्यादा सरल बनाते हैं।

आपकी दयालुता से आपको दर्द हो सकता है, एक तरह का विश्वासघात, चुभन। फिर भी दयालु बने।

सम्मान >> परानुभूति >> सहानुभूति
सहानुभूति : मैं आपके लिए अफसोस महसूस करता हूं। 
परानुभूति : आप जिन परिस्थितियों से गुजर रहे हैं, मैं समझ सकता हूं। 
सम्मान : आप जिस तरह इसे संभाल रहे हैं, उसकी मैं प्रशंसा करता हूं। 
 सहानुभूति करुणा का स्वरूप है। परानुभूति इससे ऊपर उठना है और मुसीबत झेल रहे व्यक्ति के रूप में सोचना है। वह जिस दौर से गुजर रहा है, उसे ऊपर उठना और उन्हें यह बताना सम्मान है कि वह सुंदर काम कर रहे है।

कोई व्यक्ति बेकार नहीं होता। हर व्यक्ति कोई न कोई ऐसी चीज जानता है, जो आप नहीं जानते। "जब लोगों के प्रति हमारा यह दृष्टिकोण होता है कि वे कुछ नहीं जानते, तो हम कोई नई चीज सीखने के सारे द्वार बंद कर लेते हैं।" 
"जब हम अपने अहम का द्वार बंद कर लेते हैं तो और कोई नई चीज सीखने की इच्छा रखते हैं, सिर्फ तभी हमें इस बात का एहसास होता है कि हम कितना कुछ नहीं जानते हैं।" आप ज्यादा नहीं जानते, यह जानना सर्वश्रेष्ठ ज्ञान है।

सच्चा सम्मान वह है जो आप उन्हें अच्छी तरह जानने के बाद भी करते हैं।

उन लोगों से दूर भागे, जो खुद से दूर भागने की कोशिश कर रहे हैं।

बहस के हर आमंत्रण को स्वीकार नहीं करें! आपकी शांति का अचूक नुस्खा।

सम्मान पदनाम से नहीं मिलता, यह तो व्यवहार से मिलता है।

प्रेम पाने, संतुष्टि महसूस करने, फिट होने और खुश रहने के लिए प्रयास की जरूरत होती है। 

अगर हम एक दूसरे को समझते हैं, तो हमें एक दूसरे के साथ सहमत होने की जरूरत नहीं है।

आप किसके साथ अपना जीवन बिताने का निर्णय लेते हैं। सबसे बड़े निर्णय में से एक, जो आप अपने जीवन में लेंगे। इसे हल्के में नहीं ले।

जब भी कोई कहता है, "आप कभी नहीं जान पाओगे कि मैं कैसा महसूस कर रहा हूं" तो खुद को याद दिलाए कि वह आपको जीवन की सबसे बुनियादी सच्चाई बता रहे हैं।

आपके सच्चे मित्र वे हैं, जो आपके सफल होने पर आपके लिए सचमुच खुश होते हैं। दूसरों के लिए वह सच्चे मित्र बने।

हम उन 5 लोगों का औसत नहीं होते, जिनके साथ हम सबसे ज्यादा समय बिताते हैं। हम तो उन 5 विचारों का औसत होते हैं, जिनके साथ हम सबसे ज्यादा समय बिताते हैं। हमारे विचार उन लोगों से आते हैं, जिन्हें हम सोशल मीडिया, पुस्तकों, पॉडकास्ट या किसी दूसरी जगह पर फॉलो करते हैं।

कभी नहीं भूले कि आप कहां से आए हैं।

मैं जानता था कि पैसे के बिना जीवन कैसा होता है। लेकिन मैं नहीं जानता था कि खुशी के बिना जीवन कैसा होता है। आज मेरा मुख्य लक्ष्य अपने माता-पिता को उनकी जरूरत के सारे पैसे देना है। जिससे वे जो चाहे, वह कर सकते हैं। वे पहले से जानते हैं कि खुश रहना कैसा होता है। 
Credit: Do Epic Shit

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